हठयोग में आसन (Hathyog ke Aasan)
हठयोग कहता है कि स्वस्थ शरीर, आत्मा को स्वस्थ करके ईश्वर से जोड़ता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है। अतः इसे स्वस्थ व मजबूत रखना हमारा कर्त्तव्य है। हठयोग का मुख्य उद्देश्य भी यही है।
और पढ़ेंहठयोग कहता है कि स्वस्थ शरीर, आत्मा को स्वस्थ करके ईश्वर से जोड़ता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है। अतः इसे स्वस्थ व मजबूत रखना हमारा कर्त्तव्य है। हठयोग का मुख्य उद्देश्य भी यही है।
और पढ़ेंषट्कर्म - यह वो छः साधन हैं जो ‘हठयोग‘ के प्रथम अंग के रूप में स्वीकार किए जाते हैं| अतः हठयोग में रूचि रखने वाले जातकों को इनके विषय में भी विस्तार से जान लेना आवश्यक है, क्योंकि इनके बिना तो ‘हठयोग‘ की साधना संभव ही नहीं है।
और पढ़ेंसांख्य दर्शन के मत पर आधारित योग दर्शन को ‘राजयोग विद्या‘ कह सकते हैं। पतंजलि का योगदर्शन है ही राजयोग।
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